दुबई में बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले एक बड़े हवाला ऑपरेटर को एसटीएफ/साइबर थाने ने गिरफ्तार किया
*दुबई में बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले एक बड़े हवाला ऑपरेटर को एसटीएफ/साइबर थाने ने गिरफ्तार किया |*
🔸*गिरफ्तार अभियुक्त पर पूरे देशभर 104 मुकदमे एवं 2327 विभिन्न साइबर अपराधों में देश भर में आपराधिक तार है |*
🔸*अभियुक्त की गिरफ्तारी सूरत गुजरात से की गयी|*
🔸*गिरफ्तार अभियुक्त से 42 डेबिट कार्ड, 30 चैक बुक, 20 माइक्रो सिम, दुबई मैट्रो कार्ड, दुबई सिम कार्ड, 01 पासपोर्ट, एक स्वैप मशीन, 03 फर्जी कंपनियों के मोहर , 02 मोबाईल फोन आदि बरामद |*
🔸*गिरफ्तार अभियुक्त इन बैंक खातों एवं सिम कार्ड को बहुत जल्द पुनः दुबई में अन्य अपराध कारित करने हेतु देने वाला था जिसको उत्तराखंड पुलिस ने समय से गिरफ्तार कर भारत के सैकड़ों लोगों को विभिन्न साइबर ठगी से बचा लिया है |*
🔸*एक और राष्ट्रीय घोटाला लगभग 10 करोड़ संदिग्ध राशि के लेनदेन को दर्शाता है।*
🔸*संदिग्ध आरोपी की भारत के हर राज्य की पुलिस को तलाश थी |*
वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा फर्जी साइट तैयार कर आम जनता से ई-मेल व दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क कर स्वयं को Flight Network कम्पनियों के सीनियर एजेन्ट बताते हुये टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर विभिन्न कम्पनियों के लिंक भेजकर टिकट बुक करने के टास्क कर घर बैठे कमीशन के रूप में लाभ कमाने का लालच देकर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।
इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें देहरादून निवासी शिकायतकर्ता के साथ अज्ञात नम्बर से टेलीग्राम पर पार्ट टाईम जॉब हेतु मैसेज प्राप्त होना जिसके पश्चात अन्य अज्ञात व्यक्ति द्वारा वादी को टेलीग्राम के माध्यम से मैसेज कर Flight_Network कम्पनी से सीनियर एजेन्ट बताते हुए Flight Network कम्पनी को बढ़ावा देने की बात कहते हुए प्रत्येक बुकिंग के लिए कमीशन प्राप्त करने की बात कहना व टिकट बुकिंग हेतु भिन्न-भिन्न लिंक प्रदान करना जिसके पश्चात एयरफेयर, डिपोजिट, प्रोसेसिंग अमाउण्ट व अन्य के नाम पर कुल 26,00,000/-रुपये (छब्बीस लाख) की धोखाधड़ी करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 32/2023 धारा 420,120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा *विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री विजय भारती* के सुपुर्द की गयी।
अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा अथक मेहनत व प्रयास से घटना में तकनीकी विश्लेषण से प्रकाश में आये अभियुक्त मोराडिया हार्दिक कुमार भगवान भाई पुत्र भगवान भाई निवासी तपोवन सोसाइटी वेद रोड़ सूरत सिटी गुजरात, उम्र 32 वर्ष को गुजरात से गिरफ्तार किया गया ।
*अपराध का तरीकाः-*
अभियुक्तगणों द्वारा फर्जी वैब साईट तैयार कर स्वंय को Flight_Network के कर्मचारी / अधिकारी बताते हुये ऑनलाईन जॉब कर लाभ कमाने की बात कहते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर भिन्न भिन्न कम्पनियों के नाम के लिंक भेजकर फ्लाईट बुक करने आदि सम्बन्धी टास्क देकर लाभ कमाने के नाम पर धोखाधडी की गयी तथा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है ।
अभियुक्तगण द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम आईडी कार्ड का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । अभियुक्त द्वारा विभिन्न मोबाईल हैण्डसेट, सिम कार्ड व फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। कुछ पीडितों से एक मोबाईल फोन, सिम कार्ड व बैंक खाते का प्रयोग कर धोखाधड़ी करने के बाद इनके द्वारा नये सिम, मोबाईल हैण्डसैट व बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया के लिए अभियुक्त स्वयं दुबई एवं थाईलैंड जाकर वहाँ पर साइबर अपराध से संबंधित एक आपराधिक किट देता है जिसमें भारत के विभिन्न बैंक खाते जो कि करेंट बैंक अकाउंट (Current Bank Account) सेविंग अकाउंट (Saving Account) एसएमएस अलर्ट नंबर आदि दुबई में एवं थाईलैंड में दिए जाते हैं | अभियुक्त द्वारा बताया गया कि सूरत गुजरात में हम लोग का पूरा एक गिरोह है जो इस प्रकार से फर्जी कंपनियों के नाम पर उद्योग आधार लेते हैं इस उद्योग आधार के दस्तावेजों पर फर्जी बैंक खाते खुलवाते हैं एवं मोबाइल नंबर लिए जाते हैं|
गिरफ्तार अभियुक्त से संबंधित विभिन्न बैंक खातों की लेनदेन कि जानकारी एकत्रित की गई तो पाया गया की अनुमानित ₹10,10,00,000 (10 करोड़) अभियुक्त द्वारा विभिन्न पीड़ितों से पूरे भारत में ठगी के बाद धोखाधड़ी से लिए गए हैं|
इसके अतिरिक्त *भारत सरकार I4C गृह मंत्रालय* के सहयोग से अभियुक्त से बरामद विभिन्न बैंक खातों मोबाइल नंबरों का भी गहनता से विवेचना में विश्लेषण किया गया है जिसमें अभियुक्त के ऊपर *104 मुकदमे एवं 2327 आपराधिक लिंकेज (Criminal Linkages) जो देश के सभी राज्यों में एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मिले |*
अभियुक्त के ऊपर 42 अभियोग तेलंगाना, 20 उत्तर प्रदेश, 10 दिल्ली, तमिलनाडु 09, महाराष्ट्र 03, गुजरात 02, बिहार 01, हरियाणा 06, कर्नाटक 03, छत्तीसगढ़ 04, उत्तराखण्ड 02, आंध्र प्रदेश 02 मिलाकर के कुल 104 अभियोग मैं अभियुक्त वांछित है | उत्तराखण्ड राज्य में ही 36 मामलों में अभियुक्त की संलिप्तता पाई गई है |
*गिरफ्तार अभियुक्तः-*
1- मोराडिया हार्दिक कुमार भगवान भाई पुत्र भगवान भाई निवासी तपोवन सोसाइटी वेद रोड़ सूरत सिटी गुजरात – उम्र 32वर्ष
*बरामदगीः-*
1. 02 मोबाईल फोन
2. 02 एटीएम कार्ड
3. 42 डेबिट कार्ड
4. 30 चैक बुक
5. 20 माइक्रो सिम
6. 01 पासपोर्ट
7. क्रेडिट कार्ड
8. 03 मोहर
9. पैन कार्ड, आधार कार्ड
10. दुबई मैट्रो कार्ड, दुबई सिम कार्ड
11. दो चैक
12. दो पासबुक
13. एक स्वैप मशीन
*पुलिस टीमः-*
1- निरीक्षक विजय भारती
2- उ0नि0 कुलदीप टम्टा
3- कानि0 नीरज नेगी
4- कानि0 योगेश्वर प्रसाद
*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री आयुष अग्रवाल* द्वारा जनता से अपील की है कि ऑनलाईन जॉब हेतु किसी भी फर्जी वेबसाईट, मोबाईल नम्बर, लिंक आदि का प्रयोग ना करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु आवेदन करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें । इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है।