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दीपावली/धनतेरस के अवसर पर देहरादून में लग्जरी कार चोरी की बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में थे अभियुक्त

एसएसपी देहरादून को अंतर्राज्यीय लग्जरी वाहन चोर का गिरोह देहरादून में आने की गोपनीय सूचना प्राप्त हुई, सूचना पर एसएसपी देहरादून द्वारा एसओजी देहरादून को उक्त गिरोह के समबन्ध में सूचना एकत्रित करते हुए प्रभावी कार्यवाही करने तथा सभी थाना क्षेत्रों में सघन चैकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिये गये। जिस पर एसओजी टीम द्वारा सूचना तंत्र को मजबूत करते हुए वाहन चोर गिरोह के सम्बन्ध मंे दिल्ली, लखनऊ व अन्य स्थानों से जानकारियां एकत्रित की गई तो उक्त गिरोह के प्रेमनगर क्षेत्र में होने की सूचना एसओजी टीम को प्राप्त हुई, जिस पर स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर टीम द्वारा प्रेमनगर क्षेत्र में सघनच चैकिंग अभियान चलाया गया।

चैकिंग के दौरान टीम द्वारा टी स्टेट प्रेमनगर रोड पर एक होंडा अमेज वाहन को चैकिंग हेतु रूकने का इशार किया गया तो वाहन चालक द्वारा मौके से भागने का प्रयास करते हुए वहां खडे एसओजी के वाहन को टक्कर मार दी तथा अभियुक्त वाहन से उतरकर टी स्टेट के जगंल की तरफ भाग गया। एसओजी तथा प्रेमनगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा अभियुक्त की तलाश हेतु टीस्टेट के जगंल में काम्बिंग की गई, काम्बिंग के दौरान अभियुक्त द्वारा पुलिस टीम पर फायर किया गया। पुलिस द्वारा अपने बचाव में किये गये जवाबी फायर में अभियुक्त के दाहिने पैर में गोली लग गई, जिसे पुलिस द्वारा उपचार हेतु नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पूछताछ में अभियुक्त द्वारा अपना नाम अनुभव त्रिपाठी पुत्र सुभाष त्रिपाठी निवासी: सिनेमा रोड थाना व जिला हरदोई उत्तर प्रदेश बताया गया। मौके पर अभियुक्त के कब्जे से एक 315 बोर का तमंचा एक जिन्दा कारतूस तथा एक खोखा कारतूस बरामद हुआ। अभियुक्त से बरामद वाहन के इंजन नम्बर व चेचिस नम्बर के मिलान से वाहन में लगी नम्बर प्लेट: यू0के0-04-एके-6090 फर्जी पाई गयी तथा उक्त वाहन का सही नम्बर: डीएल-04- सी-बीडी-4392 होना ज्ञात हुआ। अभियुक्तों द्वारा एक सप्ताह पूर्व दिल्ली से चोरी किया गया था, जिसके सम्बन्ध में प्रशांत विहार थाने में अभियोग पंजीकृत है। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें से 02 अन्य नम्बर प्लेटें बरामद हुई हैं।

 

पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा दिल्ली, लखनऊ व अन्य स्थानों से कई लग्जरी वाहन चोरी किये गये हैं। उनके गिरोह में अभियुक्त के अलावा 03 अन्य सदस्य 01: अभिषेक वाजपेयी 02: शिवांश त्रिपाठी तथा 03: मौ0 सलीम शामिल हैं। किसी भी घटना को अंजाम देने से पूर्व अभियुक्तों द्वारा एक्सीडेंट में क्षतिग्रस्त हुई गाडियों तथा उनमें से स्क्रैप की गई गाडियों की सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित की जाती है तथा उसके पश्चात गिरोह के सदस्यों द्वारा उसी मॉडल तथा रंग की गाडियों की तलाश की जाती है तथा मौका पाकर वाहन चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है, उसके पश्चात अभियुक्तों द्वारा स्क्रैप में काटी गई गाडियों की नम्बर प्लेट को चोरी के वाहनो में लगाकर उनके नकली दस्तावेज तैयार किये जाते हैं तथा ग्राहकों को ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता है।

अभियुक्त बेहद शातिर किस्म के अपराधी है, उनके द्वारा जिस राज्य से वाहन को चोरी किया जाता है उक्त वाहन को उस राज्य में नहीं बेचा जाता। पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि उनकी दीपावली/धनतेरस के अवसर पर शोरूम से बिकने वाली नई लग्जरी गाडियों की चोरी की बडी घटना को अंजाम देने की योजना थी, जिसकी रैकी के लिये वो तथा उसका साथी अभिषेक 02 दिन पूर्व चोरी की अलग-अलग गाडियों से देहरादून आये थे। इस दौरान उनके द्वारा लग्जरी वाहन के शोरूम से आने-जाने वाले रास्तों व देहरादून के अन्दर आने व जाने की रैकी की जानी थी।

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