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राज्य में स्कूलों की दशा पर नियम 58 के तहत चर्चा

 

पर्वतीय क्षेत्रों में स्कूलों की दशा पर नियम 58 के तहत चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा ब्यवस्था की खामियां गिनाई।
शिक्षकों की कमी से पढ़ाई में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने कहा पहाड़ चढ़ने को शिक्षक तैयार नहीं है। शिक्षकों की राज्य मै की बनी हुई है। RTE के जरिये स्कूलों में फर्जी एडमिशन हो रहे हैं। रसूखदार लोग एडमिशन के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कई जगह विद्यालय भवन नहीं हैं। बच्चों की शिक्षा को लेकर सरकार गम्भीर नहीं है।
हर अविभावक उसके बच्चों को मिले बेहतर शिक्षा चाहता है। हर ब्यक्ति चाहता है उसका बच्चा पहली कक्षा से ही अंग्रेजी सीखे। शिक्षा विभाग का बजट लगभग 8 हजार करोड़, लेकिन काम नहीं हो रहा है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने खटीमा में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया। विधायक ने की मिड डे मील की राशि को भी बढ़ाने की मांग। कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने विद्यालयों में नैतिक शिक्षा देने की मांग किया। आज के समय में बच्चों में नैतिक शिक्षा देना अति आवश्यक है। नैतिक शिक्षा के बिना बच्चों का चरित्र निर्माण नहीं किया जा सकता। विधानसभा अध्यक्ष ने भी शिक्षा मंत्री से विद्यालयों में पहली 1 क्लास से 12 वीं क्लास तक नैतिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू करने की अपील की। कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने कहा विधायक बने 3 साल हो गए लेकिन 3 साल से प्रयास करते-करते भी अपने क्षेत्रों में अध्यापक पूरे नहीं करा पाए। फीस नीति पर भी मंत्री जी साफ मना कर गए। सरकारी विद्यालयों के नजदीक निजी विद्यालयों को मान्यता दी जा रही है, जिससे छात्र सँख्या घट रही है। कई सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं । कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने कहा गेस्ट टीचरों की नियुक्ति समय पर हो। प्राथमिक टीचरों को काउंसलिंग में दुबारा मौका न दिया जाए। पहाड़ छोड़कर मैदान की तरफ आ जा रहे हैं टीचर। धारचूला विधायक हरीश धामी बोले मेरे क्षेत्र के कई विधालयो की हालत दयनीय। सीमांत क्षेत्र के विद्यालयों की तरफ सरकार का ध्यान नहीं। शिक्षकों पहाड़ों में काम करने को तैयार नहीं। शिक्षा मंत्री निकाले इसका हल।

 

नियम 58 के तहत शिक्षा ब्यवस्था के सवाल पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने जवाब दिया। प्राथिमक विधालयो में 20823 पद स्वीकृत, 18714 टीचर काम कर रहे हैं। 2900 टीचरों की काउंसलिंग चल रही है। 1900 टीचरों ने ज्वाइन कर लिया है। 150 से ज्यादा टीचर धारचूला भेजे जा चुके हैं। 98 ने ज्वाइन कर लिया है। राज्य में 1 भी स्कूल शिक्षा विभाग बंद नहीं करने जा रहा है। 12 वीं तक कि किताबें फ्री दी जा रही हैं। कक्षा 9 वीं की लड़कियों को साइकिल फ्री दे रहे हैं। 10 लाख बच्चों को कॉपियां फ्री देने जा रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में 100 प्रतिशत टीचर देंगे। प्रत्येक स्कूल में किताबे, फर्नीचर, पानी , शोचालय, बिजली, पक्की बिल्डिंग की ब्यवस्था करेंगे।
17 हजार स्कूल हैं पूरे उत्तराखण्ड में। 10 हजार स्कूल की रजिस्ट्रियां नहीं है। हम इस पर तेजी से काम कर रहे हैं। LT के 1544 टीचरों का रिजल्ट आ गया है। काउंसलिंग हो गई है।
5 साल हर टीचर को पहाड़ में नोकरी करनी है। विधायक किसी शिक्षक का सिफारिश पत्र लेकर न आएं। 613 लेक्चर की भर्ती जा रही है। प्रधानचार्य की दिक्कत है। भर्ती करना चाह रहे थे। लेकिन 58 विधायकों ने चिठी लिखी यह भर्ती न की जाए।

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