प्रधानमंत्री का मिला साथ, दौडे़गी यात्रा, बनेगी बात
मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा और खूबसूरत हर्षिल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक-एक संदेश के गहरे मायने हैं। देश-दुनिया तक इन शब्दों की अनुगूूंज पहुंचना तय है।उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को प्रधानमंत्री का जैसा साथ मिला, वह खास है। उन्होंने जिस अंदाज में उत्तराखंड की यात्रा का प्रमोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। इसके बाद, उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन के सरपट दौड़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है।
प्रधानमंत्री का यह प्रवास उस वक्त हुआ है, जबकि करीब दो महीने की शीतकालीन यात्रा शेष है। इसके बाद 30 अप्रैल से चार…
शीतकालीन गद्दी स्थल पर पूजा अर्चना कर पीएम ने निहारा भव्य हिमालय
अपने एक दिवसीय दौरे पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले मुखवा गांव में मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर पूजा – अर्चना कर देशवासियों के लिए सुख – समृद्धि की कामना की। प्रधानमंत्री ने विधि – विधान से मां गंगा की पूजा कर भोग भी चढ़ाया। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने रांसों नृत्य से प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
इसके बाद उन्होंने मुखवा गांव से ही भव्य हिमालय के दर्शन किए। प्रधानमंत्री काफी देर तक व्यू प्वाइंट से बर्फ से लकदक चोटियों के साथ ही हर्षिल घाटी से बहती भागीरथी नदी की सुंदरता को निहारते रहे। इसके बाद वो सड़क मार्ग से हर्षिल कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले उत्तराखंड में शीतकालीन यात्रा पर आधारित एक्जीबिशन का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में उत्तराखंड के प्रमुख शीतकालीन पयर्टन स्थलों को दर्शाया गया था। इसके बाद उन्होंने ट्रैकिंग एवं बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुखीमठ (मुखवा) को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और प्रदेश की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को सशक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री जी की यह यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है।