बेच दी क्यों जिंदगी दो चार आने के लिए…
ग्राफिक एरा की महफिल- ए- ग़ज़ल में प्रख्यात गायक राजेश सिंह की आवाज और अंदाज का जादू सम्मोहन की तरह छा गया। राजेश सिंह की लोकप्रिय ग़ज़लों से गुलजार रही। गायक राजेश सिंह ने ग्राफिक एरा की भव्य महफिल का आगाज अपनी लोकप्रिय ग़ज़ल “बेच दी क्यों जिंदगी दो चार आने के लिए, दौड़कर दफ्तर गए भागे वहां से घर गए, लंच में फुर्सत नहीं है लंच खाने के लिए….कुछ समय घर के लिए भी अब निकालो दोस्तों दिन बहुत थोड़े बचे हैं घर बचाने के लिए…” के साथ किया। समारोह में ग़ज़लों का सिलसिला एक बार शुरू हुआ तो देर रात तक चलता रहा। इससे पहले, ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि समय के साथ परम्पराओं का बदलना जरूरी है। 21 साल कवि सम्मेलन करने के बाद यह बदलाव समय की मांग है। केवल करने के लिए ही चीजें नहीं करनी चाहिएं। ग्राफेस्ट को देश का सबसे बड़ा उत्सव बनाने के उद्देश्य से इस बार छात्र-छात्राओं के लिए ऐसी प्रतियोगिताएं रखी गई हैं, जिनसे उनका आत्मविश्वास बढ़े और स्टेज फियर कम हो। ग्राफेस्ट में 32 लाख से 35 लाख तक के नकद पुरस्कार दिये जाएंगे।