बिना बाल वाले न हो निराश दोबारा उगा सकते है बाल देखे तरीका
अगर मैं कहता हूं कि आप केवल 1 महीने में महंगी सर्जरी और विषैले रसायनों के बिना अपने बाल विकसित कर सकते हैं, तो आप क्या कहेंगे? इतना ही नहीं, यह नहीं हो सकता। यह बिल्कुल असंभव है अगर आपको ऐसा लगता है, माफ करना, आप गलत हैं इसे पढ़ते रहें और जानें कि एक आसान प्राकृतिक तकनीक कैसे करें जो जादू बना सके ताकि सभी को सोचने के लिए मजबूर किया जा सके।
पिछले तीन महीने से हमारे रीडर्स एक ऐसे फॉर्मूले के लिए पागल हो रहे हैं जो कि महिलाओं और पुरुषों के सिर के बाल बड़ी ही तेजी और आसानी से उगा रहा है, वो भी बिना अपनी रोज की जिंदगी में कुछ बदले। ये अद्भुत करिश्माई फॉर्मूला सैंकड़ो टीवी शो में फ़ीचर किया जा चुका है और कई टेस्ट के बाद सबसे सेफ और सबसे असरदार पाया गया है।
AIIMS से पढ़े और दुनिया भर में फेमस मेडिकल प्रैक्टिशनर डॉ. गौरव गुप्ता ने हेयर लॉस इंडस्ट्री के सबसे बड़े झूठ का पर्दाफाश किया है। ऐसा झूठ जिसे वे बरसों से छिपा रहे थे। डॉ. गुप्ता के इस खुलासे को सारी इंडस्ट्री छुपाने में लगी हुई है। बड़ी-बड़ी फार्मा और कॉस्मेटिक कंपनियां पागलों की तरह इस एक जबरदस्त तरीके को बैन करवाने में पूरी ताकत लगा रही हैं। इससे पहले कि ये ऑर्टिकल भी हटवा दिया जाए, पढ़ते रहिये और जानिये कि कैसे आप मंहगी दवाओं और दर्द भरी सर्जरी के बिना नेचुरली बाल उगा सकते हैं।
डॉ. गुप्ता की चौंकाने वाली ख़ोज…
मुझसे हमेशा यही कहा गया कि मेरे गिरते हुए बालों का कोई इलाज नहीं है और फिर मुझे भी ना चाहते हुए ये मानना पड़ा कि मैं अब किसी ना किसी दिन पूरी तरह गंजा हो ही जाऊंगा। मैं हर रोज सुबह उठता और शीशा देखता। शीशा बस मुझे निराश ही करता था, क्योंकि मेरे बाल रोज घट रहे थे और गंजापन तेजी से आगे बढ़ रहा था।
बालों को बचाने के लिये मैंने फॉर्मा कंपनियों के महंगे टॉक्सिक केमिकल सिर पर लगाना शुरू कर दिए। इन केमिकल्स की इतनी गंदी बदबू आती थी कि मेरी पत्नी दूसरे कमरे में जाकर सोने लगी, लेकिन अंदर से मुझे पता था कि सिर्फ बदबू ही इसका कारण नहीं था, मुझे यकीन था कि मैं अब अपनी पत्नी के लिये उतना सेक्सुअली अट्रैक्टिव नहीं था और इसकी वजह थी मेरे झड़ते बाल! मेरे झड़ते बालों से मेरा लुक, मेरी उम्र से 10 साल ज्यादा लगने लग गया था। मेरी पत्नी व्हाट्सएप्प पर ही लगी रहती थी और जब भी मैं कुछ बताने की कोशिश करता तो बस हां.. हूं.. करके फिर व्हाट्सएप्प पर स्माइल के साथ चैटिंग में लग जाती। एक वक्त था जब वो 24 घंटे मुझसे ही चिपकी रहती थी और मेरी ही बस हो जाती थी, लेकिन अब, जब भी मैं कुछ करने लगता था तो उसका सिर दर्द ही खत्म नहीं होता। मेरे झड़ते बालों ने मुझसे मेरी लव लाइफ छीन ली थी। मैंने हर तरह के तेल और केमिकल यूज किये, लेकिन इतना कुछ करने के बाद भी जब मैं बालों पर कंघी करता था तो पूरी कंघी झड़े हुए बालों से भर जाती थी। मैं काफी ज्यादा परेशान था। मेरे बाल झड़ने के साथ साथ मेरी जिदगी भी बर्बाद हो रही थी। अस्पताल में मेरी साथी डॉक्टर्स जो पहले मेरे साथ बैठकर लंच करती थीं, वो अब मुझे साथ में खाना खाने के लिये बुलाती भी नहीं थीं। हद तो तब हो गई जब मेरी कॉलेज की एक साथी ने मुझे भैया कह दिया। मैंने अपनी परेशानी अपने दोस्तों से शेयर की तो उनकी तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली। मेरे सभी दोस्त मुझे कहते थे की “गुप्ता, तुम हाथ पैर मारना बंद करो और समझो की तुम्हारे पुराने बाल कभी वापस नहीं आ सकते हैं और ये तुम्हे मान लेना चाहिए।
हम अतिथि देवों भवः के मानने वाले हैं…..शादाब शम्स
कभी कभी मैं कमरे की दीवार पर टंगी अपनी शादी और कॉलेज टाइम की फोटो देखता और फिर दुःखी हो जाता। कॉलेज के वक्त मेरे लंबे बाल होते थे और हर कोई इनकी तारीफ करता था। कभी कभी लगता था कि बाल झड़ने के साथ साथ मेरा लुक, मेरा करियर और मेरी सारी ख़ुशियाँ भी गायब हो रही हैं।
हालांकि बतौर डॉक्टर मुझे बाल झड़ने के पीछे के सभी साइंटिफिक कारणों का पता था। मुझे पता था कि मेरे शरीर में ज्यादा DHT बन रहा है जिसकी वजह से कोलेजन भी ज्यादा बन रहा है। यही कोलेजन धीरे धीरे मेरे बालों का गला घोंट रहा है। बालों को बढ़ने और जिंदा रहने के लिये जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है कोलेजन उन्हें बालों तक पहुंचने ही नहीं देता। कोलेजन फॉलिकल्स की अंदर की लाइन में जमा हो जाता है और खून को बालों तक नहीं पहुंचने देता, जिससे बालों का धीरे धीरे दम घुटने लग जाता है। मैं ये भी जानता था कि हर दिन मेरे करीब 100 हेयर फॉलिकल्स (जहां से बाल बनते हैं) मर रहे हैं। ये आंकड़ा भले ही आपको कम लगे, लेकिन इसी स्पीड से अगर ये झड़ते रहे तो मैं अपने करीब 90 हज़ार फॉलिकल्स के साथ सिर्फ एक या दो साल में ही पूरी तरह से गंजा हो जाता। हर नए दिन के साथ मेरे बाल कम हो रहे थे। मेरी हेयरलाइन रोज कम होती जा रही थी। फिर ऐसा टाइम आ गया कि मैं बालों में हाथ भी फेरता था तो हाथ बालों से भर जाता। सुबह जब सोकर उठता तो तकिया बालों से भरा हुआ होता था। नहाने जाता तो कई बाल पानी के साथ बह जाते। मैंने बालों पर क्या कुछ नहीं लगाया। जिस किसी नई चीज के बारे में पता चला तो वही अपना ली। मुझे कुछ लगाने या खाने को कहा वो कर लिया। पर हाथ लगी तो बस निराशा।