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प्लास्टिक सर्जरी से लौटाई शिशु की मुस्कान

ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों ने शिशु के कटे होंट का उपचार करने में सफलता हासिल की है। यह उपचार आयुष्मान भारत स्कीम के तहत निशुल्क किया गया।
ग्राफिक एरा अस्पताल में ही जन्मा चार माह का शिशु जन्मजात कटे होंठ की समस्या से जूझ रहा था। ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम ने प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की मदद से शिशु के कटे होंठ का सफलतापूर्वक उपचार कर दिया। उपचार करने वाले विशेषज्ञों की टीम में प्लास्टिक सर्जन डॉ. निशंक मनोहर व अन्य चिकित्सक शामिल हैं।
डॉ. निशंक मनोहर ने बताया कि  उपचार के लिए आए शिशु का जन्म अगस्त में ग्राफिक एरा अस्पताल में हुआ था। उसका बाईं ओर का होंट कटा हुआ था। इसके बाद माता-पिता की काउंसलिंग करके उन्हें शिशु को भोजन कराने के सही तरीकों की जानकारी दी गई। 60 मिनट तक चली सर्जरी के दौरान शिशु का वजन 7 किलोग्राम था व उसे जनरल एनेस्थीसिया दिया गया था। शिशु को सर्जरी के 2 घंटे के अंदर ही आहार दिया गया और 24 घंटे बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि कटे होंठ व कटे तालु की समस्या लगभग 700 जन्मों में से एक में पाई जाती है। ऐसे मामलों में उपचार जन्म से तीन-चार महीनों के बाद ही किया जाता है। इस समस्या से जूझ रहे शिशुओं को भोजन संबंधी कठिनाइयों, बोलने में तकलीफ, वजन बढ़ने, अपर रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट इनफेक्शन व सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे माता-पिता भी तनावपूर्ण महसूस कर सकते हैं। ग्राफिक एरा अस्पताल में मोजूद अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से कटे होंठ, उंगलियों व चेहरे आदि की सर्जरी सफलतापूर्वक की जा रही है।

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