उत्तराखंडदेहरादून

पर्यटन विभाग द्वारा आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा हेतु बेहतर सुविधाएं व कनेक्टिविटी मजबूत करने हेतु आईटीबीपी के साथ एमओयू

एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा पिथौरागढ़ भ्रमण के दौरान घोषित की गयी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित की गई योजनाओं की क्रियान्वयन की नियमित मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा

विभागों को कागजी प्रक्रियाओं को कम से कम समय में पूरा करने की नसीहत

अधिकारियों को अर्न्तविभागीय समन्वय पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को मानसखण्ड मंदिरों एवं आदि कैलाश हेतु प्रोत्साहित करने हेतु लोक निर्माण विभाग को गढ़वाल एवं कुमाऊँ क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के निर्देश

उत्तराखण्ड के 51 सीमान्त गांवों के विकास के लिए संचालित वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की सीधी मॉनिटरिंग एवं प्रत्येक सप्ताह समीक्षा गृह सचिव भारत सरकार द्वारा

पर्यटन विभाग द्वारा आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा हेतु बेहतर सुविधाएं व कनेक्टिविटी मजबूत करने हेतु आईटीबीपी के साथ एमओयू

 

एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने विभागों को कागजी प्रक्रियाओं को कम से कम समय में पूरा करने की कड़ी नसीहत दी है। योजनाओं के सम्बन्ध में विभागों से कार्यवृत (मिन्ट्स) समय पर न मिलने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने सभी विभागों को स्पष्ट किया है कि योजनाओं के क्रियान्वयन को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए विभागीय प्रक्रियाओं को निर्धारित डेडलाइन पर पूरा करें। उन्होंने अधिकारियों को अर्न्तविभागीय समन्वय पर विशेष ध्यान देने की कड़ी हिदायत दी है।

सचिवालय में मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा हाल ही में पिथौरागढ़ भ्रमण के दौरान घोषित की गयी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित की गई योजनाओं की क्रियान्वयन की नियमित मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही है इसके साथ ही उत्तराखण्ड के 51 सीमान्त गांवों के विकास के लिए संचालित वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की सीधी मॉनिटरिंग गृह सचिव भारत सरकार द्वारा की जा रही है तथा इस सम्बन्ध में प्रत्येक सप्ताह समीक्षा बैठक की जा रही है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चयनित इन 51 गांवों में की अर्थव्यवस्था, आजीविका, सामाजिक संरचना, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, बिजली और दूरसंचार सुविधाओं को मजबूत करने एवं इनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के सभी विभागों को मिशन मोड पर कार्य करना होगा।

चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को मानसखण्ड मंदिरों एवं आदि कैलाश हेतु प्रोत्साहित करने के विषय पर चर्चा करते हुए एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को गढ़वाल एवं कुमाऊँ क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सीमावर्ती क्षेत्रों को विकास के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करने, राज्य सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों को त्वरित करने , सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों के निर्माण के प्रस्ताव तत्परता से केन्द्र को भेजने के निर्देश दिए हैं।

एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने पर्यटन विभाग को आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा हेतु बेहतर सुविधाएं व कनेक्टिविटी मजबूत करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि इस सम्बन्ध में एक एमओयू आईटीबीपी के साथ किया गया है। इसके साथ ही श्री केदारनाथ एवं श्री हेमकुण्ड साहिब में प्रस्तावित रोपवे हेतु निविदा हो चुकी है।

बैठक में एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने ग्राम्य विकास विभाग को राज्य में रिवर्स पलायन हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किये जाने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि राज्य में बी पी एल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लखपति दीदी योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत वर्ष 2022-23 में 40 हजार महिलाओं को लखपति दीदी बनाया गया। वर्ष 2023-24 में 50 हजार महिलाओं को लखपति दीदी बनाये जाने का लक्ष्य है तथा 2025 तक एक लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने खेल विभाग को ओलम्पिक, एशियन गेम, कॉमनवेल्थ गेम व अन्य अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों हेतु पुरस्कार एवं बेहतर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।

बैठक में सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री सचिन कुर्वे, अपर सचिव श्री विनीत कुमार, श्री जितेन्द्र कुमार सोनकर, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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