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मुस्लिम परिवार की चौथी पीढ़ी दे रही दशहरे में सेवाए

 

रिपोटर: एफ यू खान

लोकेशन: काशीपुर

भले ही उत्तराखंड में राजनैतिक पार्टियां राजनैतिक फायदा पाने के लिए हिन्दू मुस्लिम वोट बैंक का बखान करते नज़र आते हों लेकिन यहां चार पीढ़ियों से एक परिवार एकता की मिसाल कायम किये हुए है जहां एक मुस्लिम परिवार हिन्दू धर्म के त्यौहार को रंगीन बनाने का काम किये हुए है। रावण और कुम्भकरण के पुतले बनाने वाले मुस्लिम परिवार हिन्दू मुस्लिम एकता के भाईचारे को न सिर्फ बढ़ावा दे रहे हैं।

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बल्कि रामलीला में चौथी पीढ़ी के रूप में सेवा दे रहे हैं। आपको बता दें कि जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर और बाजपुर में रावण और कुम्भकर्ण के पुतले बनाने मेरठ से एक मुस्लिम परिवार की चौथी पीढ़ी से मोहम्मद समद रामलीला में कई वर्षों से विजय दशमी के लिए रावण के पुतले को बना कर कोमी एकता की मिसाल कायम कर रहें हैं। उनकी दस सदस्यीय टीम पूरी मेहनत और लगन से काम करते हुए इन पुतलों को तैयार करती है। मुस्लिम परिवार के मुताबिक़ उनसे पूर्व उनके दादा, व उनके बाद उनके पिता और अब वह इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इसके अलावा यूपी और उत्तराखंड के काशीपुर के अलावा दिल्ली की रामलीला में भी रावण और कुम्भकरण के पुतले तैयार करते हैं।जहां इस बार भी काशीपुर और बाजपुर में पुतले तैयार हो चुके है और अब मेला पूरी तरह से रामलीला मैदान में विजय दशमी पर्व को मनाए जाने को सच चुका है। इस बार रामलीला में रावण का 55 फ़ीट तथा कुम्भकर्ण का 50 फ़ीट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है। मेरठ का यह मुस्लिम परिवार लगभग सौ वर्षों से अधिक समय से हिन्दू मुस्लिम कौमी एकता के प्रतीक के रूप में सन्देश देता सेवा कर रहा है। रावण और कुम्भकर्ण के पुतले तैयार करने में उनकी टीम को डेढ़ महीने का समय लगता है और दशहरे के त्यौहार से डेढ़ महीने पूर्व वह यहाँ आते हैं।

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