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गुरुनानक देव जी ने दुनिया को इंसानियत व बराबरी का संदेश दिया-सूर्यकांत धस्माना

गुरुनानक देव 554 वर्ष पूर्व जब भारत की पावित्र भूमि पर अवतरित हुए उस समय भारतीय समाज गैर बराबरी, छुआ छूत, जात पात , अंधविश्वास जैसी सामाजिक कुरीतियों से जकड़ा हुआ था , गुरुनानक देव जी ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे भारतीय उप महाद्वीप में इन कुरीतियों में उलझे समाज को इंसानियत का संदेश दिया व “एक ही नूर ते सब जग उपज्या कौन भले कौन मंदे” का उदघोष कर लोगों में आपसी वैमनस्य खत्म कर भाई चारे का संदेश दिया। यह बात आज गुरुनानक जयंती के अवसर पर रेस कोर्स गुरुद्वारे में संगतों को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बधाई देते हुए कही।

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उन्होंने कहा कि 554 सालों के छोटे से समय अवधि के इतिहास में सिख पंथ ने अपने त्याग तपस्या व बलिदानों से इतिहास में जो विशिष्ट स्थान बनाया है उसका कोई सानी नहीं। उन्होंने कहा कि दसवें गुरु श्री गुरुगोबिंद सिंह जी ने देश और कौम के लिए जिस तरह अपने चार चार पुत्रों सहित सर्वस्व न्योछावर कर दिया उसका उदाहरण किसी धर्म इतिहास में नहीं मिलता। श्री धस्माना ने कहा कि अगर हम गुरुओं के बताए सद मार्ग में एक कदम भी चलें तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा। इस अवसर पर गुरुद्वारा सिंह सभा द्वारा श्री धस्माना को गुरु का सिरोपा पहना कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान सरदार गुरुबख्श सिंह, उपाध्यक्ष सरदार गुलजार सिंह, सरदार डीएस मान, सरदार गुरदीप सिंह टोनी, सरदार सेवा सिंह मठारू श्री राजेन्द्र धवन,सरदार अमरजीत सिंह, श्री योगेश गंभीर, श्री दिनेश नागपाल श्री चरणजीत सिंह नसगपाल और हज़ारों की संख्या में गुरु की संगतें भी सजे हुए दीवान में उपस्थित थी।
श्री धस्माना ने गुरु के लंगर में प्रसाद वितरण की सेवा में भाग लिया व श्रद्धालुओं को दूध जलेबी व ब्रेड पकौड़े भी वितरित किये।

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